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पटना की पहचान बनेगा बापू टावर, नीतीश कुमार ने किया लोकार्पण

पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गर्दनीबाग में नवनिर्मित बापू टावर का उद्घाटन किया। इस टावर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन, आदर्शों और कार्यों को प्रदर्शित किया गया है। मुख्यमंत्री ने टावर के अलग-अलग फ्लोर पर गए और गांधी जी से जुड़ी प्रदर्शनियों को देखा। नीतीश कुमार ने बापू टावर को जनता के लिए एक दर्शनीय स्थल बताया। उन्होंने कहा कि यहां आकर लोग बापू के जीवन, विचारों और आदर्शों से रूबरू हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को बापू के आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टावर के भूतल, तीसरे तल और पांचवें तल पर स्थित दीर्घाओं का दौरा किया। उन्होंने टर्न टेबल थियेटर शो का भी आनंद लिया और ओरिएंटेशन हॉल में बापू की जीवनी पर आधारित फिल्म देखी।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित देश में इस तरह का यह पहला टावर है। बापू टावर सीएम नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। 7 एकड़ में फैले इस टावर की ऊंचाई 120 फीट है। इसमें 6 मंजिल है। एक ऑडिटोरियम है। इसमें 129 करोड़ की लागत आई है। रात में लाइटिंग के दौरान बापू टावर सोने की तरह चमकता हुआ दिखता है। बापू टावर मुख्य रूप से 7 एकड़ में फैला हुआ है। एक एकड़ में यह टावर है, जबकि 6 एकड़ में इसका कैंपस है। इस कैंपस में पार्किंग की पूरी व्यवस्था है। पार्किंग के लिए बनाए गए जगह में एक बार में 135 से 150 दो पहिया वाहन, 60 से 70 कार और 6 बस लगने की जगह है। इस कैंपस में आने के लिए दो गेट बनाए गए हैं। कार और गाड़ी आने के लिए अलग गेट है, जबकि पैदल आने के लिए दूसरा गेट। कैंपस में प्रवेश करते ही एक टिकट काउंटर बनाया गया है, जहां पर अंदर घुमने के लिए टिकट के रूप में एक न्यूनतम राशि निर्धारित की गई है। दिव्यांगों के लिए एक अलग व्यवस्था की गई है।

भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को टावर की विभिन्न विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां गांधी जी के जीवन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां, तस्वीरें, वीडियो और अन्य सामग्री प्रदर्शित की गई है।

नीतीश कुमार ने बापू टावर के निर्माण में शामिल इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह टावर बिहार के लिए एक गौरव का प्रतीक है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘बापू टावर’ की वेबसाइट का भी लोकार्पण किया। इस वेबसाइट के माध्यम से लोग टावर के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी सहित कई मंत्री और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू टावर बहुत ही भव्य बना है, यह लोगों के लिए दर्शनीय होगा। बापू टावर में आकर बापू की जीवनी, उनके विचारों और उनके आदर्शों को नई पीढ़ी जान सकेगी।

उन्होंने आगे कहा कि यहां बापू के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, गांधी जी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से उनके लगाव और बापू के आदर्शों को बेहतर ढंग से रेखांकित कर प्रदर्शित किया गया है ताकि आमजन यहां आकर उसे देख और समझ सकें। इस परिसर को हरा-भरा और व्यवस्थित बनाया गया है।

बापू टावर मुख्य रूप से दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक हिस्सा आयताकार है, जबकि दूसरा हिस्सा गोलाकार।आयताकार हिस्से में तीन एग्जिबिशन गैलरी, ऑडिटोरियम, वेटिंग रूम, दुकान और कैंटीन हैं। नीचे से ऊपर जाने के लिए चार लिफ्ट बनाए गए हैं। दिव्यांगों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।गोलाकार भवन 120 फीट ऊंचा है, जिसमें ऊपर जाने के लिए पांच रैंप बनाए गए हैं। यह भवन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस भवन में महात्मा गांधी से जुड़ी सारी जानकारियों को प्रदर्शित किया गया है। चाहे वह माध्यम तस्वीर की हो या स्टैचू की। दीवार पर महात्मा गांधी से जुड़ी कई तस्वीरें भी उनके प्रेरणादायक चरित्र का बयान करती दिख रही हैं।उसे देखने के बाद लोग प्रेरणा ले सकेंगे। इसके अलावा कट आउट भी है। सबसे अच्छी और खूबसूरत चीज यह है कि इसमें स्क्रीन प्रोजेक्टर भी लगा हुआ है, जो महात्मा गांधी से जुड़ी हर उन बातों की जानकारी देता रहेगा। इसमें 60 व्यक्तियों की क्षमता वाले ऑडिटेंशन हॉल भी बनाया गया है।

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